मधुकर खेर का जन्म 12 फरवरी, 1928 को रायपुर में हुआ । एम. ए. राजनीतिशास्त्र करने के उपरान्त पत्रकारिता का प्रारम्भ - 1948 में साप्ताहिक युगधर्म नागपुर एवं हिदुस्तान समाचार महाकोशल से । 1950 से दैनिक युगधर्म नागपुर तथा अंग्रेजी दैनिक नागपुर टाइम्स । दैनिक हितवाद, इंडियन एक्सप्रेस मुंबई, इंडियन एक्सप्रेस दिल्ली तथा विजयानगरम् तीनों का स्वतंत्र प्रतिनिधित्व किया । टाइम्स ऑफ इंडिया मुम्बई दि टेलीग्राफ कोलकता, मध्यप्रदेश क्रॉनिकल, भोपाल नेशनल हेराल्ड, मदरलैंड, गुजराती, जन्मभूमि तथा समाचार एजंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के संवाददाता 1953 से रहे ।
टाइड मुम्बई, मार्च ऑफ नेशन, करेन्ट, ब्लिट्ज, आर्गनाइजर, संडे (कोलकता) एनलाइट (बड़ौदा) ज्वाला (नागपुर) स्व. के.पी. नारायणन द्वारा प्रकाशित मिडलैंड (भोपाल) द वीक, ऑनलूकर (मुम्बई) धर्मयुग तथा इल्युस्ट्रेटेड वीकली की मांग पर अनेकों बार विशेष रिपोर्ट लिखी ।
पूर्ववती मध्यप्रदेश में श्रमजीवी पत्रकार संघ (विदर्भ) के संस्थापक सदस्य एवं रायपुर श्रमजीवी पत्रकार संघ के संस्थापक सदस्य रहे । स्थापना 1950-51 में दु्र्ग तथा रायपुर शाखाओं का गठन । पत्रकारिता में व्यक्तिगत विचार से परहेज किया । इसलिए नई दिल्ली के नेशनल हेराल्ड और मदरलैंड जैसे परस्पर विरोधी पत्रों का प्रतिनिधित्व करते रहें, दोनों के संपादकों की जानकारी में । परिवार में उन दिनों पत्रकारिता में कम आय होने पर भी पूज्य स्व. विट्ठलराव खेर तथा माता स्व. श्रीमती मनोरमा खेर द्वारा प्रोत्साहन मिलता रहा । पूरा परिवार पत्रकारिता में रूचि लेता है । ज्येष्ठ भ्राता कमलाकर खेर, सुपुत्र मिलिंद खेर, सुपुत्री श्रीमती ममता गोवर्धन पत्रकारिता में ही हैं । सन 1963 में एक साप्ताहिक नभ निकाला था । माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के आग्रह पर संवाददाता नामक एक पुस्तिका लिखी जो उनके द्वारा पाठ्यक्रम के लिए स्वीकृत की गई ।
पत्रकारिता के अतिरिक्त एकांकी नाटक, लेख तथा फीचर लिखने का शौक रहा । जिनका प्रकाशन धर्मयुग, साप्ताहिक हिन्दुस्तान, सरिता, आजकल, कादम्बिनी आदि में होता रहा । आकाशवाणी से भी कहानियां प्रसारित थी ।
पत्रकारिता के लिए श्री खेर को केडिया पत्रकारिता पुरस्कार रायगढ़ तथा नन्दकुमार पाठक स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार, मध्य भारत परिदृश्य द्वारा दिया गया । पूर्व में बलराज साहनी मेमोरियल पत्रकारिता एवार्ड को इस स्पष्टीकरण के साथ विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया था कि उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में बहुत कुछ करना है । 31 मार्च 1996 को संक्षिप्त बीमारी के बाद । रायपुर प्रेस-क्लब भवन का नामकरण उनकी स्मृति में स्व. मधुकर खेर स्मृति भवन किया गया है ।
छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी स्मृति में प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया- अंग्रेजी के क्षेत्र में मधुकर खेर स्मृति पत्रकारिता पुरस्कार स्थापित किया है ।